लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों के लिए नया फरमान जारी किया है। इसके तहत अब सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक अधिकारियों को अपने दफ्तर में बैठना होगा। इन दो घंटों के दौरान अधिकारी आम जनता की फरियाद को सुनेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने ऐसे समय यह कदम उठाया है जब विपक्षी दल राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी सरकार को घेर रहे हैं।
बहरहाल, राज्य में खराब कानून व्यवस्था को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार यूपी की बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। मायावती ने जहां कई बार योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े किए तो अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर मेमोरेंडम सौंपा था।
मायावती ने कहा, श्सरकारी दावों के विपरीत पूरे प्रदेश में हर प्रकार के जघन्य अपराधों की बाढ़ से जनता में त्राहि-त्राहि।श् बिजली की किल्लत पर मायावती ने कहा, श्यूपी की त्रस्त जनता व बीपीएल परिवारों पर भी बिजली की दरों में भारी वृद्धि करके उन्हें तेज झटका देने की सरकारी तैयारी घोर निन्दनीय। लोकसभा चुनाव के बाद क्या बीजेपी सरकार इसी रूप में यूपी की 20 करोड़ जनता को आघात पहुंचाएगी? यह वृद्धि सौभाग्य को दुर्भाग्य योजना में नहीं बदल देगी? इसके पहले अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर प्रदेश की कानून व्यवस्था के मद्दे पर ज्ञापन सौंपा था। अखिलेश यादव ने राज्यपाल से कहा कि वो कानून व्यवस्था पर सरकार को जगाएं। अखिलेश यादव ने राज्य में जंगलराज होने की बात कही।
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