जातिवादी समीकरण

जातिवादी समीकरण साधने में जुटे प्रत्याशी


आर.के.मिश्रा
गौतमबुद्धनगर। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। इस सीट पर अब 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। प्रमुख मुकाबला भाजपा के डॉक्टर महेश शर्मा, सपा -बसपा गठबंधन के सतवीर नागर और कांग्रेस के डॉक्टर अरविंद सिंह के बीच है। सभी प्रत्याशियों का प्रचार-प्रसार युद्ध स्तर पर जारी है। यह नेता शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जनसंपर्क में लगे हैं।
वोटों के लिए जनता से बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। जिस प्रकार चुनाव का इतिहास रहा है कि प्रत्येक चुनाव में जनता से जुड़े मुद्दे हों अथवा विकास का मुद्दा हो, यह सब पीछे छूट जाते हैं और चुनाव में जीत के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा हो जाता है जातिगत समीकरण। ऐसा ही कुछ इस चुनाव में भी हो रहा है। सभी दलों का मुख्य मुद्दा है जातिगत आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण किया जाए। इसी के अनुसार सारी रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
अब भाजपा ने भी ठाकुरों के वोटों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह जैसे नेताओं की जनसभाएं रखी हैं। वहीं गुर्जर नेता गुर्जर वोटों के लिए तथा ब्राह्मण नेता ब्राह्मणों के वोटों के लिए लाए जा रहे हैं। कांग्रेस तथा बसपा सपा नेता भी इसी जातिवादी समीकरण के अनुसार अपनी रणनीतियां बना रहे हैं। इस सब के बीच जनता के मुद्दे किसान युवाओं को रोजगार के मुद्दे पीछे छूट गए हैं और जनता भी इन मुद्दों को भूल कर सिर्फ जातिवादी आधार पर ही अपने-अपने आंकलन कर रही है। फिलहाल तीनों ही प्रत्याशियों और पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस घमासान में लड़ाई किसी के लिए आसान नहीं कही जा सकती, क्योंकि इस सीट पर कड़ा मुकाबला है।